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हिंदी सिनेमा में लहराया ‘हिंदुत्व’ का परचम, जबरदस्त फिल्म है, सभी देश वासियों को देखना जरूरी:

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Updated: Oct 14, 2022

Written by: Suyash Pachauri

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आपको बता दें जो भी इस फ़िल्म को देख रहा है वो इसकी तारीफ कर रहा है और बता रहा है कि कैसे आज की सच्चाई को इस फ़िल्म ने सामने रखा है। सिनेमाघर से लौट रहे दर्शक जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। वहीं कुछ दर्शकों का कहना है कि वो इस फ़िल्म को ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह हिट कराने की कोशिश करेंगे।



फ़िल्म को आज रिलीज़ कर दिया गया है। इस फ़िल्म का निर्देशन करण राज़दान ने दिया है। वहीं इस फ़िल्म में सिया के राम सीरियल में राम की भूमिका निभाने वाले आशीष शर्मा ने काम किया है। इसके अलावा देवों के देव महादेव सीरियल में मां पार्वती का किरदार निभाने वाली सोनारिका भदौरिया ने भी फ़िल्म में काम किया है। ये फ़िल्म हिंदुत्व पर केंद्रित है। ऐसा पहली बार हुआ है कि ऐसे शीर्षक और विषय पर कोई फ़िल्म बनाई जा रही हो। इस फ़िल्म को बहुत बड़े प्रोडक्शन हाउस का साथ तो नहीं मिला है लेकिन फिर भी फ़िल्म प्रमोशन और मार्केटिंग में जितना हो सका प्रयास किया है। क्योंकि ये फ़िल्म हिंदुत्व पर आधारित है ऐसे में हिंदुओं के बीच ये फ़िल्म चर्चा में है। जो सनातनी या जो हिन्दू इस फ़िल्म को देखकर आ रहे हैं वो इस फ़िल्म के बारे में क्या कह रहे हैं यहां हम वहीं बताने का प्रयास करेंगे।


आपको बता दें जो भी इस फ़िल्म को देख रहा है वो इसकी तारीफ कर रहा है और बता रहा है कि कैसे आज की सच्चाई को इस फ़िल्म ने सामने रखा है। सिनेमाघर से लौट रहे दर्शक जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं। वहीं कुछ दर्शकों का कहना है कि वो इस फ़िल्म को ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह हिट कराने की कोशिश करेंगे।


निर्माता सचिन चौधरी ने कहा कि फिल्म भारतीय संस्कृति को समझने में मदद करती है। करण राजदान द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक शैक्षणिक संस्थान में युवा राजनीति के माध्यम से "हिंदुत्व" के विचारों पर केंद्रित है। फिल्म का मुख्य किरदार, भारत, शर्मा द्वारा निभाया गया, "हिंदुत्व" के विचार को बचाने के लिए लड़ता है जो "खतरे" में है।


मीडिया से बातचीत में शर्मा ने कहा, "आज अगर आप किसी से पूछते हैं कि 'हिंदुत्व' क्या है, तो मेरे दिमाग में युवाओं की एक चरम परिभाषा आ जाती है। यह शब्द अतिवाद से संबंधित क्यों है? हिंदू धर्म पश्चिमी परिभाषा है जिसे समाज के कुछ वर्गों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। हिंदुत्व के लिए हिंदी शब्द हिंदुत्व से क्या समस्या है? हम अपनी फिल्म के जरिए सिर्फ शब्द की सही परिभाषा पेश कर रहे हैं। यह कोई धर्म नहीं है, यह जीवन का एक तरीका है।"



यह पूछे जाने पर कि फिल्म गुजरात चुनाव के करीब क्यों रिलीज की जा रही है, चौधरी ने कहा, "हम बचपन से जो जी रहे हैं, उसे किसी चुनाव की जरूरत नहीं है।"

शर्मा ने कहा कि यह गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए किसी भी तरह का 'समर्थन' नहीं है।


दर्शकों का कहना है भले ही इस फ़िल्म के पोस्टर भी न लगे हों, शो भी न लगे हों, फिर भी हम इस फ़िल्म को प्रमोट करेंगे। जनता से अनुरोध करेंगे कि ये सच्चाई को वो देखें और अपने परिवार को भी इस सच्चाई से रूबरू कराएं। फ़िल्म देखने के बाद लोगों ने कहा सच्चाई जानना जरूरी है। इसके अलावा कई दर्शक ने सनातनी लोगों से आग्रह किया है कि इस फ़िल्म को सिनेमाघर में जाकर देखें। चार से पांच लोग को इस फ़िल्म को दिखाएं। लोगों ने कहा ये फ़िल्म लोगों को जागरूक करती है कि कैसे हम पर मुस्लिमों ने अत्याचार किया और कैसे हिंदुओं को खत्म करने की साजिश होती है।

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